एक सवाल मुझसे अक्सर पूछा जाता है की बैंक की उचित परिभाषा क्या है सबसे सटीक परिभाषा कौन है तो हां दोस्तों यदि आप जानना चाहते हैं तो हमारा पोस्ट पढ़ते रहिए मैं प्रमोद यह पोस्ट Smart at once की ओर से प्रस्तुत किया जा रहा है
डेफिनिशन ऑफ बैंक बैंक की परिभाषा
आधुनिक युग में बैंक के प्रकार और उसकी कार्यप्रणाली में इतना अधिक परिवर्तन आ गया है कि सामान्य और पर परिभाषा देना कठिन है फिर भी कुछ विशिष्ट विभिन्न-विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने
बैंक की पृथक परिभाषाएं दी है जिनको हम मोटी तौर पर 3 शीर्षक के अंतर्गत समझ सकते हैं।
सामान्य परिभाषाएं
Prof. Kinley
"बैंक की ऐसी संस्था है जो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे व्यक्ति को ऋण देती है। जिन्हें इनकी आवश्यकता है , तथा जिसके पास व्यक्ति अपना फालतू धन जमा करते हैं ।"
Prof. Kinley
"बैंक की ऐसी संस्था है जो सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे व्यक्ति को ऋण देती है। जिन्हें इनकी आवश्यकता है , तथा जिसके पास व्यक्ति अपना फालतू धन जमा करते हैं ।"
कार्यअनुसार परिभाषाएं
Vevster
"बैंक वह संस्था है जो मुद्रा मैं लेन-देन करती है एक प्रतिष्ठा है। जहां द्रव का जमा संरक्षण तथा निर्गमन होता है, तथा रेड देने तथा कटौती की सुविधा दी जाती है और एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन राशि की व्यवस्था की जाती है।"
Vevster
"बैंक वह संस्था है जो मुद्रा मैं लेन-देन करती है एक प्रतिष्ठा है। जहां द्रव का जमा संरक्षण तथा निर्गमन होता है, तथा रेड देने तथा कटौती की सुविधा दी जाती है और एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन राशि की व्यवस्था की जाती है।"
वैधानिक परिभाषाएं
इंडियन बैंकिंग रेगुलेशन act. 1949 "बैंक या बैंकिंग कंपनी वह कंपनी है। जो ऋण देने तथा विनियोग के उद्देश से जनता से जमाओ रूप में मुद्रा स्वीकार करती है। जो मांग पर देय हो अथवा चेक, ड्राफ ,आदेश अथवा अन्य किसी प्रकार से निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं।"
इंडियन बैंकिंग रेगुलेशन act. 1949 "बैंक या बैंकिंग कंपनी वह कंपनी है। जो ऋण देने तथा विनियोग के उद्देश से जनता से जमाओ रूप में मुद्रा स्वीकार करती है। जो मांग पर देय हो अथवा चेक, ड्राफ ,आदेश अथवा अन्य किसी प्रकार से निकालने की सुविधा प्रदान करते हैं।"
सक्षेप्त में - बैंक वह संस्था है जो अपने ग्राहक के लिए धन संबंधित लेन देन के सभी कार्य करती हैं।
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